कोटपूतली (बिल्लूराम सैनी) कस्बे मे राजकीय एलबीएस पीजी महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा प्राचार्या डॉ. रेणु माथुर की अध्यक्षता में विश्व मातृभाषा दिवस मनाया गया। प्राचार्या ने अपने उद्बोधन में कहा कि मातृभाषा से ही संपूर्ण मौलिक चिंतन होता है। हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए और उसके प्रचार प्रसार के लिए कार्य करना चाहिए। मातृभाषा ही किसी भी देश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा की आधार होती है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण होता है। इसलिए महाविद्यालय की सह शैक्षिक गतिविधियों में निरंतर सक्रियता से भाग लेना चाहिए। हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सत्यवीर सिंह ने मातृभाषा दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर दृष्टिपात करते हुए वैश्विक भाषायी परिदृश्य पर प्रकाश डाला। मातृभाषा के प्रति अटूट रागात्मक रिश्ते को लेकर बांग्लादेश के नागरिको ने बंगला को अपनी मातृभाषा मानते हुए आंदोलन चलाया। परिणाम स्वरूप यूनेस्को ने 21 फरवरी को प्रतिवर्ष मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। मातृभाषा के प्रति लगाव हमारी सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई समृद्धता का धोतक है। डॉ.सत्यवीर सिंह ने अनेक उदाहरण देकर मातृभाषा के महत्व को बताया। बकौल भारतेन्दु हरिश्चन्द्र निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। अर्थात अपनी भाषा का सम्मान और उसकी उन्नति से ही देश की उन्नति संभव है। इस अवसर पर डॉ. सत्यवीर सिंह के संयोजन में अंतरराष्ट्रीय हिंदी ई प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के साथ विदेशी लोगों ने भाग लिया जिन्हें प्रमाण पत्र भी जारी किया गया। प्रतियोगिता में तकनीकी संयोजक देशराज यादव ने किया। डॉ. दूर्गा गहन ने संचालन व धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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