कोटपूतली (बिल्लुराम सैनी) निकटवर्ती ग्राम शुक्लावास, पवाना अहीर, पिचाणी, दुदावास व बुचारा में हुए अवैध खनन व अवैध हैवी ब्लास्टिंग में 505 परिवारों को हुए नुकसान का जायजा लिये जाने के लिए एनजीटी न्यायालय भोपाल के आदेशानुसार जिला कलेक्टर राजन विशाल के निर्देश पर एडीएम जगदीश आर्य की अध्यक्षता में गठित की गई विभिन्न विभागों की टीम ने मंगलवार को उक्त गाँवों का दौरा कर नुकसान का जायजा लेते हुए सर्वे किया था। जिस पर टीम द्वारा सर्वे में लिपापोती किये जाने एवं ठीक तरीके से सर्वे नहीं करने का आरोप लगाते हुए खनन ग्रस्त संघर्ष समिति के संयोजक राधेश्याम शुक्लावास व सरपंच सचिन यादव की अगुवाई में बड़ी संख्या में पीड़ित ग्रामीणों ने जयपुर पहुँचकर जिला कलेक्टर के समक्ष एनजीटी में दायर मामले में अवैध खनन व ब्लास्टिंग से हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाने को लेकर किये जा रहे सर्वे को ठीक तरीके से नहीं करने का आरोप गठित टीम पर लगाते हुए सर्वे को सही तरीके से करवाये जाने की मांग की थी।
जिला कलेक्टर ने ग्रामीणों की मांग सुनते हुए उचित कार्यवाही का भरोसा दिया था। बुधवार को गठित टीम के 8 विभागीय अधिकारियों का दल शुक्लावास पहुँचा। जहां एडीएम जगदीश आर्य की अध्यक्षता में अटल सेवा केन्द्र पर बैठक का आयोजन हुआ। जहाँ समिति सदस्यो के साथ हुई बैठक में सर्वे कार्य गुरूवार से पुन: शुरू किये जाने का निर्णय लिया गया। समिति ने मकानों के नुकसान में छत व नींव समेत दरारें आने पर पूरे मकान का सर्वे किये जाने की मांग की।
जिस पर सहमति जताई गई, वहीं पीड़ितों को उचित मुआवजा दिलवाये जाने को लेकर एनजीटी न्यायालय, भोपाल में दायर किये गये मुकदमें में उन सभी मकानों का सर्वे किये जाने पर भी सहमति जताई गई। जिन्हें लोग अत्यधिक क्षतिग्रस्त होने के कारण छोड़ चुके है। साथ ही जिन मकानों का पुन: निर्माण हो चुका है उनका भी सर्वे करवाये जाने का निर्णय लिया गया। नये सर्वे में सभी मकानों की नजदीकी खनन पट्टे से दुरी भी दिखाई जायेगी। बैठक में एसडीएम राजवीर यादव, तहसीलदार सूर्यकान्त शर्मा समेत माईनिंग एएमई अमीचंद दुहारिया, सर्वेयर चेतन मीणा, खनन सुरक्षा विभाग अजमेर के निदेशक सुरजीत कटेवा, पीडब्ल्युडी के शेरसिंह मीणा व सुदामा शर्मा, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के विजय कुमार शर्मा, भूजल बोर्ड के मोहित जैन व अनुप सिंह एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी व लीज धारक प्रतिनिधि तथा ग्रामीण मौजूद थे।
पवाना अहीर के पट्टों का किया निरीक्षण :- बैठक के बाद टीम के सदस्यों ने एनजीटी आदेश की पालना में पवाना अहीर के खनन पट्टों का निरीक्षण भी किया। जिसमें खनन पट्टा संख्या 5/03 माईनिंग की शर्तो का उल्लंघन करते पाया गया। जिसके विरूद्ध कार्यवाही का निर्णय लिया गया। टीम के सदस्यों ने आश्वासन दिया कि शुक्लावास व पिचाणी के बाद पवाना अहीर, दुदावास व बुचारा के गांवों का भी सर्वे पूर्ण पारदर्शिता के साथ किया जायेगा। इस दौरान शुक्लावास व पिचाणी की सभी खद्दानों में खनन गतिविधियां भी पुर्णतया: बंद पाई गई।
क्या है मामला :- उल्लेखनीय है कि नेशनल ग्रीन ट्रीब्युनल (एनजीटी) में खनन ग्रस्त संघर्ष समिति, शुक्लावास द्वारा याचिका संख्या 48/2020 व 75/2020 खनन ग्रस्त संघर्ष समिति बनाम युनियन आॅफ इण्डिया तथा अन्य दायर की गई थी। जिसमें सुनवाई करते हुए विगत 22 फरवरी को ट्रीब्युनल ने नुकसान के आंकलन के लिए सर्वे किये जाने के निर्देश दिये थे। इसको लेकर जिला कलेक्टर के आदेशानुसार टीम का गठन किया गया था। समिति के राधेश्याम शुक्लावास ने आरोप लगाया कि सोमवार को फोन पर बताया गया कि टीम श्ुाक्लावास पहुँच रही है।
जबकि इस बाबत लिखित में नोटिस जारी किया जाना था। इसके उपरान्त भी समिति सदस्यों ने सहयोग करते हुए कुछ मकान का सर्वे करवाया। लेकिन सर्वे के दौरान खनन विभाग व पीडब्लयुडी के अधिकारी रिपोर्ट में मनमानी करते हुए मामुली नुकसान दिखा रहे है। जबकि धमाकों से दीवारों में दरारें पड़ी है तो नींव पर भी असर पड़ा है। ग्रामीणों ने सम्पूर्ण मकानों व छत की नपत की मांग की। वहीं टीम के सदस्य थोड़ी बहुत नापजोख कर लिपापोती करते रहे।
इस बाबत ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार व खनन विभाग के अधिकारियों से शिकायत की तो वे बिना बताये मोके से चले गये जबकि ग्रामीण अटल सेवा केन्द्र पर टीम के सदस्यों का इंतजार करते रहे। इन्हीं बिन्दुओं को लेकर करीब दो दर्जन ग्रामीणों व महिलाओं ने जिला कलेक्टर को अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। जिस पर जिला कलेक्टर ने उचित समाधान का भरोसा दिलाया है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को जिला कलेक्टर के निर्देश पर न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में नुकसान के आंकलन हेतु राजस्व विभाग, खनन विभाग, खनन सुरक्षा विभाग, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, केन्द्रिय भूमि जल बोर्ड विभाग, भूजल विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग व जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक जयपुर की कमेटी एडीएम जगदीश आर्य व तहसीलदार सूर्यकान्त शर्मा की अगुवाई में अपीलकतार्ओं द्वारा 505 पीड़ित परिवार के नुकसान का जायजा लेने हेतु प्रभावित क्षेत्रों में पहुँची थी। जहाँ ग्राम शुक्लावास समेत प्रभावित क्षेत्रों में खननकतार्ओं (लीज धारकों) की उपस्थिति में सर्वे कार्य प्रारम्भ किया गया था।
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