भीलवाड़ा (पंकज आडवाणी) आजादी के इतने वर्षों बाद आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में खाप पंचायतों के आगे कानून बोना साबित हो रहा है। भीलवाड़ा जिले के मांडल थाना क्षेत्र के भगवानपुरा ग्राम पंचायत के (बालानगर ) में गांव के दबंगों ने जमीन पर कब्जा करने की नियत से पीड़ित परिवारों को डरा धमका कर गांव की चौपाल बुलाकर 5 परिवारों को गांव से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर दिया। बालानगर के पीड़ित परिवार ने मंगलवार को भीलवाड़ा जिला पुलिस अधीक्षक को परिवाद देकर न्याय की गुहार लगाई ।
बालानगर (भगवानपुरा) निवासी भैरूलाल शर्मा ने बताया कि हमारे मकान बालानगर में स्थित हैं, हमारे मकान के पास सभी भाइयों द्वारा हमारी जायदाद में आवागमन हेतु पहले से निजी 10 फीट का रास्ता छोड़ रखा हैं, जिसमें किसी का कोई अधिकार नहीं है। हमारे पड़ोस में संपत लाल सिसोदिया का प्लाट व खेत है, संपत लाल सिसोदिया ने हमारे निजी रास्ते को अपना बताकर जबरन विवाद किया। इस पर हमने पूर्व में मांडल थाने में रिपोर्ट दी,
तब अधिकारियों ने हमारी जमीन एवं पट्टे की भूमि की नपती की गई, इस दौरान उक्त रास्ता (गली) हमारी निजी पाई गई, इसके पश्चात भी गांव के प्रकाश चंद्र शर्मा, रामप्रसाद शर्मा, कन्हैयालाल शर्मा, प्रहलाद शर्मा, लादू लाल शर्मा, सुरेश शर्मा, भरत शर्मा उक्त सभी आरोपी बालानगर निवासी गांव में दबंग है ओर हमारे परिवार से रंजिश रखते हैं एवं हमारे परिवार की समाज एवं गांव में अच्छी छवि को धूमिल करना चाहते हैं। इसी नियत से उक्त सभी आरोपियों ने मेरे परिवार जन सहित सभी भाइयों पर उक्त जमीन को सार्वजनिक जमीन बताकर जमीन पर कब्जा करने की नियत से दबाव बनाया। हमने गांव वालों के कहे अनुसार 10 फीट रास्ता पहले ही छोड़ दिया जो अभी भी खुला है, लेकिन सभी अभियुक्त गण 20 फीट और रास्ता छोड़ने का दबाव बनाने लगे जब हमारे परिवार वालों ने मना किया तो 19 जून को सभी ग्रामीण बालानगर के सामुदायिक भवन की चौपाल पर मीटिंग रखी, जिसमें सभी गांव के व्यक्ति मौजूद थे। सभी ग्रामीणों ने मेरे भाइयों को वहां पर बुलाया और मेरे भाईयो जगदीशचंद्र, हरिशंकर, रामपाल, भगवतीलाल, महावीर को गालियां देने लगे और कहा कि तुम्हारे मकान के पास जो गली है वह सार्वजनिक है। इस पर मैंने कहा कि यह हमारी नीजी रास्ता है, जो पूर्व में सार्वजनिक रास्ता था वह आगे से बंद हैं।
उस सार्वजनिक रास्ते के रूप में काम में नहीं लिया जा रहा है। फिर भी हमने 10 फीट का रास्ता छोड़ रखा है। तभी ग्रामीणों ने कहा कि 20 फीट और रास्ता छोड़ना पड़ेगा इस पर हम ने मना किया तो सभी आरोपी हमारे साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की और जाजम से उठा दीया एवं मेरे पुत्र संजय के साथ बूरी तरह से मारपीट की। जिसके उसके शरीर पर जगह-जगह चोट आई और सभी आरोपियों ने कहा कि हम बालानगर के पंच पटेल है, तुम हम पंचों का कहना नहीं मान रहे हो इस कारण हम सभी 5 परिवारों के भाइयों को गांव से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद करते हैं, और पनघट पर पानी भरने पर पूर्ण पाबंदी लगवा दी। और गांव के किसी भी व्यक्ति से बोलने पर जुर्माना का फरमान सुना दिया एवं मंदिर पर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी और पूर्ण रूप से गांव से बहिष्कार कर दिया। इसलिए हमारा परिवार के लोग मानसिक रूप से काफी पीड़ित हैं और आरोपी लगातार हम सभी भाइयों को गांव छोड़ने पर मजबूर कर रहे हैं, गांव से बहिष्कृत करने के बाद भी दबंगों ने कहा कि जब तक गांव नहीं छोड़ोगे तब तक हम यहां आराम से नहीं जीने देंगे। इसलिए आज हमने भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाकर कार्रवाई करने की मांग की।
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