भीलवाड़ा (पंकज आडवाणी ) हरी सेवा धाम उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में चल रहे आराध्यम सतगुरूओं के वार्षिकोत्सव में धर्म ध्वजा की स्थापना हुई। परम्परा अनुसार वार्षिक उत्सव के द्वितीय दिन वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजन अर्चन पुष्प वर्षा कर धर्म ध्वजारोहण हुआ। धर्मध्वजा एक प्रतीक है जिससे हमें धर्म की रक्षा के दायित्व के साथ-साथ स्वयं के सुरक्षित होने का भी अधिकार का संदेश प्राप्त होता है। संतों महात्माओं के सानिध्य में संपन्न हुए धर्म ध्वजा के कार्यक्रम में स्थानीय एवं बाहर के श्रद्धालुगन सम्मिलित हुए। धार्मिक भजनों एवं मान्यता अनुसार धर्मध्वजा की स्थापना की खुशी में गीत गाते हुए श्रद्धालुगण उत्साह एवं उमंग से झूम उठे। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में महंत स्वरूपदास, महंत हनुमानराम, संत मयाराम, संत राजाराम, संत गोविंद राम, जगतराम, इंद्रदेव, सिद्धार्थ, कुणाल, मिहिर सहित उपस्थित ट्रस्टीगण पदाधिकारीगण अनुयायियों ने अपने गुरुजनों की स्तुति एवं ध्यान किया।महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने भजन हरी सेवा धाम जो झंडो झूले हिंदू धर्म जो झंडो झूले, करे जेको दर्शन हरिय जी दया सा किस्मत खुले एवं तन मन तेरा धन भी तेरा तू ठाकुर स्वामी मेरा प्रस्तुत किया।
श्री ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम अजमेर के महंत स्वरूपदास उदासीन ने भजन हीय आस अथम साईं सतगुरु तू पूजाइन्दे प्रस्तुत किया। श्री शांतानंद उदासीन आश्रम पुष्कर के महंत हनुमान राम ने भजन गुरु आऊं आहियां तू हिंजे सहारे दुनिया भले धिकारे एवं आशीष जा हथड़ा सच्चा साईं मूते रख जो प्रस्तुत किया। संत मण्डल ने जीव के कल्याण की एवं कोरोना महामारी से मुक्ति की प्रार्थना की।बीज के दिन जगन्नाथ यात्रा हरी सेवा आश्रम में पहुंची, जहां प्रभु का स्वागत सत्कार कर विराजमान किया गया। भगवान हरी शयनी एकादशी पर पुनःनिज धाम पधारेगे। सतचंडी यज्ञ के तहत वैदिक विधि से मंडल पूजन, रुद्राभिषेक, आध्यात्मिक अनुष्ठान तत्पश्चात हवन यज्ञ हुआ, जिसमें आहूतियां दी। रामचरितमानस नवान्हपारायण पाठ, श्रीमद्भागवत मूल पाठ एवं श्रीचन्द्र सिद्धांत सागर पाठ भी हुए। सायं काल में बाहर से पधारे हुए संतो महापुरुषों के सत्संग प्रवचन, दुर्गा सप्तशती, श्री हनुमान चालीसा, श्री श्रीचंद्र चालीसा, श्री हरि चालीसा पाठ आरती प्रार्थना हुई। सतगुरुओं की समाधियों, धर्मध्वजा, श्री हरि सिद्धेश्वर मंदिर, धुणा साहब, आसण साहब पर श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। संत मयाराम ने बताया कि भीड़ एकत्र ना हो, ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी से सरकारी निर्देशों की पालना का आग्रह किया है। श्रद्धालुओं ने फेसबुक द्वारा दर्शन प्रवचन का भी लाभ प्राप्त किया। 13 जुलाई मंगलवार को श्री रामायण पाठ के पूर्ण होने पर भोग पड़ेगा।
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