बहरोड़ (केडीसी) आषाढ़ का महीना समाप्त होने को हैं और ईलाके में ग्वार बाजरा की फसल सूख रही है। ऐसे में जब आम लोगों को आषाढ में जेठ की दोपहरी का अहसास हो रहा हो तो बिन बरसात के फसल की केवल कल्पना ही की जा सकती है। लिहाजा निराश और हताश लोगों ने ईश्वर को प्रसन्न करने का अपना तरीका शुरू कर दिया है। परम्परा के अनुसार इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए जगह जगह यज्ञ, हवन-पूजन का कार्यक्रम किया जा रहा है।
गण्डाला गाॅव में ग्रामीणों की ओर से इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए श्री ठाकुर जी मन्दिर प्रांगण में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। मन्दिर महंत गुलाबदास और पंडित सुरेश चन्द शर्मा के सानिध्य में बारिश के लिए ग्रामीणों ने इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ वेदी तैयार कर स्तुति की और गाय के देशी के घी के साथ हवन सामग्री की आहुतियां डालीं। मेघा रे मेघा पानी दे, के उच्चारण के साथ काफी संख्या में गांव के लोग यज्ञ में शामिल हुए। इस अवसर पर औमप्रकाश तहसीलदार, शकुन्तला देवी, योगेन्द्र गोड़, अजीत सिंह, रामकिशन, नवल सिंह, राजेन्द्र सहित ग्रामीणों ने यज्ञ में आहुति देकर इंद्रदेव से बारिश की मांग की।
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