शाहजहांपुर 2 अगस्त – गुजरात के रास्ते राजस्थान के दस जिलों मे फैले लम्पी वायरस को लेकर अलवर जिले की गौशालाएं आज भी बेपरवाह है। मृत गौवंशों के डिस्पोजल को लेकर संसाधनों के अभाव मे मृत गौवंश खुले मे डाले जा रहे है। जिसके चलते अन्य गौवंशों के संक्रमित होने एवं आसपास लगते गांवों मे महामारी फैलने का खतरा बढ गया है। गत दिनों करनीकोट सरपंच पिस्ता देवी एवं उनके प्रतिनिधि कैलाश चंद शर्मा ने मुण्डनवाडाखुर्द, करनीकोट, मीणा वाली सराय, गण की ढाणी के ग्रामीणों के साथ जिला कलेक्टर को मुण्डनवाडा बाबा खेतानाथ गौशाला की अनियमितता एवं खुले मे डाले गये मृत गौवंशों की शिकायतों को लेकर ज्ञापन दिया था। ग्रामीणों की शिकायत एवं लम्पी वायरस को लेकर जिला कलेक्टर के आदेश पर मुण्डावर एसडीएम पंकज बडगुर्जर मुण्डनवाडा गौशाला पहुंचे एवं गौशाला की व्यवस्थाओं की जांच की। एसडीएम बडगुर्जर ने बताया की गौशाला मे अनेकों अनियमितता थी। मृत गौवंशों के डिस्पोजल का कोई प्लान नहीं था, उन्हें खुले मे डाला जा रहा था। गौशाला मे आईसीयु निर्माणाधीन था। चारागाह जमीन का मैटर भी था। जिसमे ग्रामीणों की शिकायत थी की अनेकों बीघा जमीन पर गौशाला संचालकों ने तारबंदी कर कब्जा किया हुआ है जबकी चारागाह सबके लिये है। पशु स्वतंत्र रुप से वहा रह खा सकते है। ऐसे मे गौशाला संचालकों को पाबंद किया गया है। मृत गौवंशों के ठेका टेण्डर के प्रोसेसिंग की भी जांच की जायेगी की किस आधार एवं नियमों के तहत ठेका दिया गया है।
क्या कहते है गौशाला संचालक..
गौशाला कमेटी के जिलाध्यक्ष एवं मुण्डनवाडा बाबा खेतानाथ गौशाला के संचालक रामनिवास यादव का कहना है की लम्पी वायरस को लेकर सभी गौशालाओं को आगाह कर दिया है। मृत गौवंशों का डिस्पोजल संसाधनों के अभाव मे नहीं हो पाता है। हमारे पास ना तो जेसीबी है एवं ना ही अनुदान जिसके चलते मृत गौवंशों का नियमानुसार डिस्पोजल किया जाये। इसलिये मृत गौवंशों को खुले मे डालना पडता है।
क्या कहते है जनप्रतिनिधि…
करनीकोट ग्राम सरपंच पिस्ता देवी एवं उनके प्रतिनिधि कैलाश ने बताया की गौशाला संचालक रामनिवास यादव ने साबी नदी पेटे की चरागाह भूमि पर अवैध रुप से कब्जा कर वहां फार्मी घास उगाई हुई है। जिसे ये लोग गौशाला को बेचते है। करोड़ों के अनुदान के बाद भी मृत गौवंशों को खुले मे डाल दिया जाता है। जिसकी दुर्गंध हवा के साथ गांवों मे आती है। गौशाला ने बानसुर के एक ठेकेदार को 1 लाख 75 हजार मे सालाना गौवंश की चमड़ी, हड्डी का ठेका दिया हुआ है। लेकिन मृत गौवंशों का डिस्पोजल नियमानुसार नहीं किया जाता है।
फैक्ट फाईल…
मुण्डनवाडा बाबा खेतानाथ गौशाला अलवर जिले की सबसे बडी गौशाला है। गौशाला पर निरंतर अनियमितता के आरोप लगते रहे है। कभी चारागाह जमीन पर अतिक्रमण तो कभी गौशाला से गायब हुऐ गौवंश तो कभी मृत गौवंशों के डिस्पोजल को लेकर गौशाला पर सवाल उठते रहे है।
गौशाला मे वर्षो से धाक जमाये पदाधिकारियों की शिकायत के अम्बार के बीच मुण्डावर एसडीएम पंकज बडगुर्जर ने आगामी आठ अगस्त को गौशाला मे नये चुनाव करने एवं कार्यकारिणी मे सभी गांव से ग्रामीणों को लेने की बात कही। गौशाला मे प्रतिवर्ष लाखों का अनुदान एवं सरकारी सहयोग आता है लेकिन मृत गौवंशों के डिस्पोजल को लेकर नियमानुसार कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
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