चौमु (केडीसी) अक्सर विवादों में रहने वाली चौमूं नगरपालिका फिर से विवादों में घिरते नजर आ रही है। नगर पालिका में चेहरे बदले और सत्ता बदल गई। लेकिन समस्या और विवाद ज्यो की त्यों है।नगर पालिका में पहले भी कई विवाद होते रहे हैं और अब कांग्रेस का बोर्ड बनने के बाद भी पालिका की कार्यशैली विवादो में है।
नगर पालिका में 12 जुलाई को प्रस्तावित बोर्ड बैठक की सूचना आज भाजपा पार्षदों की मिली तो पार्षद बिफर गए।भाजपा पार्षदो ने नगरपालिका पहुंचकर हंगामा खड़ा कर दिया।पार्षदों ने नगर पालिका परिसर में चेयरमैन विष्णु सैनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर एजेंडे की प्रतियां जलाकर विरोध जताया। भाजपा पार्षदों ने चेयरमैन विष्णु सैनी पर मनमर्जी करने के आरोप लगाएं है।वार्ड पार्षद बाबूलाल यादव ने बताया की चेयरमैन मनमर्जी करके बोर्ड की बैठक तय कर लेते हैं।
इतना ही नही कांग्रेस के पार्षदों को खुद को ही पता नहीं होता कब बैठक हुई है। जबकि नियमानुसार 7 दिन पहले पार्षदों को बैठक की सूचना देनी होती है।लेकिन यहां सब काम मनमर्जी से होते है। बंद कमरों में एजेंडा तैयार किया जाता है। नगर पालिका में पहले से सुंदर भवन बना हुआ है फिर भी 5 करोड रुपए की लागत से नगर पालिका में फिर भवन बनाने का प्रस्ताव एजेंडे में शामिल किया गया है, जो गलत है। शहर में पेयजल की बेहद किल्लत है पेयजल व्यवस्था को लेकर नगर पालिका कोई काम नहीं करती है।
चेयरमैन अपनी मनमर्जी करके जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा व्यर्थ बहाने पर तुले हुए हैं। भाजपा के पार्षद बाबूलाल यादव ने कहा के अधिशासी अधिकारी को हमारे वार्डो की समस्या सुनकर एजेंडा तैयार करना चाहिए ।जिससे शहर के वार्डो की समस्याओं का निस्तारण हो सके। कांग्रेस के पार्षदों को भी यह पता नहीं है कि एजेंडे में क्या है,कांग्रेस के पार्षद भी केवल मोहर मात्र बने है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी नगरपालिका में बोर्ड की बैठक तय की गई थी। लेकिन बैठक के एक दिन पहले अधिशासी अधिकारी का तबादला हो गया ।और तहसीलदार को अधिशासी अधिकारी का चार्ज दे दिया गया। लेकिन तहसीलदार ने अधिशासी अधिकारी का पदभार नहीं लिया तो बोर्ड बैठक स्थगित कर दी गई ।तब भी भाजपा के पार्षदों ने नगर पालिका के खिलाफ हंगामा खड़ा कर दिया था।
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