कोटपूतली। स्थानीय एसडीएम सुनीता मीणा व अभिभाषक संघ के मध्य उपजे विवाद को लेकर वकीलों की अनिश्चितकालीन पेन डाउन हड़ताल आखिरकार गुरूवार को 20 वें दिन स्थगित हुई। हालांकि गुरूवार को भी अभिभाषक संघ के सदस्य उपखण्ड परिसर के रामलीला मंच पर चल रहे धरने पर बैठे रहे। धरना स्थल पर सम्भागीय आयुक्त दिनेश यादव की ओर से अतिरिक्त सम्भागीय आयुक्त सेवाराम स्वामी व एडीएम जगदीश आर्य ने पहुंचकर अभिभाषक संघ संघर्ष समिति के बातचीत की। उल्लेखनीय है कि इस सम्बंध में विगत दिनों अधिवक्ताओं ने सम्भागीय आयुक्त से जयपुर में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था।
सम्भागीय आयुक्त की ओर से अतिरिक्त सम्भागीय आयुक्त सेवाराम स्वामी ने अधिवक्ताओं को बताया कि एसडीएम सुनीता मीणा के विरूद्व विभागीय जांच को लेकर एडीएम कोटपूतली जगदीश आर्य को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। दोनों अधिकारियों ने निष्पक्ष रूप से विभागीय जांच करने का आश्वासन दिया। धरना स्थल पर संघर्ष समिति अध्यक्ष दयाराम गुर्जर ने इस सम्बंध में पत्र को पढकऱ सुनाया। जिस पर अभिभाषक संघ ने आमजन की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार 23 जुलाई से रजिस्ट्री, स्टॉम्प, दीवानी व फौजदारी कार्य सुचारू रूप से जारी रखने का निर्णय लिया।
साथ ही जांच पूरी होने तक एसडीएम व एसीएम कोर्ट के न्यायिक कार्यो का बहिष्कार करते हुए धरना स्थगित करने का निर्णय लिया गया। अभिभाषक संघ के अध्यक्ष एड. राजेन्द्र चौधरी, संघर्ष समिति अध्यक्ष एड. दयाराम गुर्जर व सचिव राजाराम रावत ने धरना प्रदर्शन में मिले सहयोग के लिए अभिभाषक संघ कोटपूतली की ओर से दा बार एशोसिएशन जयपुर, दी डिस्ट्रीक बार एशोसिएशन जयपुर समेत साम्भरलेक, जमवारामगढ़, शाहपुरा, विराटनगर, चाकसु, फागी, बस्सी, चौंमु व पावटा के अभिभाषक संघों का धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
इस दौरान रीछपाल सिंह चौधरी, अशोक कुमार सैनी, सागरमल शर्मा, बजरंग लाल प्रथम, जितेन्द्र रावत, प्रदीप चौधरी, अनिल शर्मा, महेश मीणा, अशोक बबेरा, अशोक रहीसा, राजेन्द्र रहीसा, सीताराम गुर्जर, ओमप्रकाश गुर्जर, रमेश रावत, महावीर गुर्जर, वीरू कसाना, विक्रम सिंह यादव, जगदीश शर्मा, संदीप यादव, बंशी सैनी, नरेन्द्र शेखावत, अनूप शर्मा, राजपाल जाट, उम्मेद बडग़ुर्जर, रघुवीर सैनी, शिवकुमार गुप्ता, नीरज नैनावत, नवीन आर्य, नवीन मीणा समेत अन्य अधिवक्ता मौजुद थे।
करोड़ों के राजस्व का नुकसान… विगत 20 दिनों से चल रही वकीलों की हड़ताल के कारण यहां के सभी न्यायालयों में कामकाज ठप चल रहा था। कोटपूतली समेत पावटा के अधिवक्ता, स्टॉम्प वेंडर, डीडराईटर आदि भी एसडीएम सुनीता मीणा के स्थानान्तरण व उनके कार्यकाल की जाँच एसीडी से कराये जाने की माँग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे थे। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी माँगों को नहीं माना जायेगा तब तक एसडीएम व एसीएम कोर्ट का बहिष्कार जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि विगत 3 जुलाई को एसडीएम सुनीता मीणा का संघ के सचिव राजाराम रावत के साथ कथित तौर पर दुव्र्यवहार का मामला सामने आया था। जिसके बाद यह विवाद खड़ा हो गया।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि एसडीएम बदसलूकी के साथ पेश आती है। यही नहीं अपने मनमाने ढंग़ से कार्यवाही करती है। एसडीएम व वकीलों के मध्य गतिरोध बनने से सभी न्यायालयों में लगातार कामकाज ठप चलने व रजिस्ट्रीयां ना होने से राज्य सरकार को करोड़ों रूपयों के राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ा है। अभिभाषक संघ के समर्थन में कोटपूतली समेत पावटा के अधिवक्ता, स्टॉम्प वेंडर, डीडराईटर आदि भी एसडीएम सुनीता मीणा के स्थानान्तरण व उनके कार्यकाल की जांच एसीडी से कराये जाने की माँग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन व कार्य का बहिष्कार कर रहे थे। हालांकि वकीलों की हड़ताल स्थगित होने से जिला प्रशासन ने चैन की सांस जरूर ली है।
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