नई दिल्ली (केडीसी) शांतिदूत आचार्य डॉ लोकेशजी को षष्ठीपूर्ति वर्ष के अंतर्गत आयोजित विशेष समारोह में “विश्व राजऋषि” उपाधि से अलंकृत किया गया। समारोह का आयोजन नवग्रह तीर्थ कर्नाटक एवं अखिल भारतीय जैन समाज द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रकृति व संस्कृति के संरक्षण में संतों का योगदान विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में छतीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया ऊईके, केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद जोशी, वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की चेयरपर्सन श्रीमति किरण चोपड़ा, आचार्य गुणधरनंदीजी, जीतो जियो के संस्थापक गनिवर्य नयपद्मसागरजी, आचार्य पुलकसागर जी, आचार्य गुप्तीनंदी जी, राष्ट्रसंत ललितप्रभजी, हिन्दू धर्माचार्य स्वामी दीपांकरजी, स्वामी अभयदासजी, समाजरत्न श्री सुभाष ओसवाल, दिगम्बर जैन महासमिति के अध्यक्ष मणिन्द्र जैन, सहयोग दिल्ली के अध्यक्ष मनोज जैन भारत वर्षीय तीर्थ समिति के अध्यक्ष शिखरचन्द पहाड़िया सहित कई महानुभावों, साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया एवं आचार्यश्री के यशस्वी जीवन के लिए अनेकों शुभकामनाएँ दी। इस अवसर पर, अखिल भारतीय जैन समाज नवगृह तीर्थ एवं राष्ट्रसंत गुणधरनंदीजी के प्रतिनिधि के रूप में श्री मणिन्द्र जैन, मनोज जैन ने आचार्य लोकेशजी को दिल्ली आश्रम में उपस्थित होकर “विश्व राजऋषि” उपाधि प्रशस्ति पत्र, शाल व प्रतीक चिन्ह भेंट किया। छतीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया ऊईके ने अपने भाषण में कहा कि आचार्य लोकेश ने वैश्विक स्तर पर प्रकृति व संस्कृति के संरक्षण एवं समाज में एकता व भाईचारे के संदेश को जन–जन तक पहुँचाने में भागीरथ प्रयत्न किया है। केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलद जोशी ने कहा कि आचार्य लोकेशजी मानवता के अप्रतिम उदाहरण है, उन्होने अहिंसा विश्व भारती संस्था के माध्यम से विश्व में शांति, स्वास्थ्य, सद्भावना, समृद्धि के जरिये मानवता के स्तर को निरंतर बढ़ा रहे है, सराहनीय है। वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की चेयरपर्सन श्रीमति किरण चोपड़ा ने आचार्य लोकेशजी के षष्ठीपूर्ति वर्ष के अवसर पर दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन जैसे विषय पर जन जागृति के लिए अलख जागते हुए आचार्य लोकेशजी ने पूरे विश्व में अपने स्वर को गुंजाए मान किया है। दिगम्बर संत द्वारा श्वेतांबर संत के सम्मान में आज का कार्यक्रम जैन एकता समन्वय सौहार्द के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।आचार्य गुणधरनंदीजी ने कहा आचार्य लोकेश ने संयुक्त राष्ट्रसंघ व विश्व धर्म संसद जैसे प्रतिष्ठित मंचों से पर्यावरण व अहिंसा के समर्थन में स्वर बुलंद किया है, इसलिए एक दिगंबर जैनाचार्य द्वारा श्वेतांबर संत को विश्व राजऋषि की उपाधि से अलंकृत किया जा रहा है, जैन एकता, समन्वय एवं सौहार्द का यह अनूठा नज़ारा है। जीतो जियो के संस्थापक गणिवर्य नयपद्मसागरजी ने कहा कि भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित संयम आधारित जीवन शैली निश्चित रूप से बहुत ही उपयोगी और प्रासंगिक है मुझे कहने में बिलकुल भी संकोच नहीं है कि भगवान महावीर व जैन दर्शन को विश्व व्यापी फैलाने में आचार्य लोकेशजी का महत्वपूर्ण योगदान है। आचार्य पुलकसागरजी ने कहा कि आचार्य लोकेशजी की यह बात मुझे बहुत अच्छी लगती है, उन्होंने धर्म को समाज सेवा से जोड़ा, उसे सामाजिक बुराइयों को मिटाने का माध्यम बनाया जिसकी शब्दों में सराहना करना संभव नहीं है। आचार्य गुप्तीनंदीजी ने कहा कि अशांत विश्व को अगर कोई शांति का सन्देश दे सकता है, इस दुनिया को हिंसा व आतंकवाद से निजात दिला सकता है, तो वह भगवान महावीर का अहिंसा व अनेकांत का दर्शन है और आचार्य डॉ लोकेशजी उस दर्शन को लेकर पिछले 38 वर्षो से विश्व भर में निरंतर प्रयासरत है|
राष्ट्रसंत ललितप्रभजी ने कहा कि आचार्य लोकेशजी में राष्ट्र भक्ति के उदाहरणों के लिए शब्द हमेशा कम रहेंगे, वे नर सेवा को नारायण सेवा मानने वाले संत है जो मानवता, समाज व राष्ट्र सेवा में निरंतर जजुटे रहते है।हिन्दू धर्माचार्य स्वामी दीपांकरजी ने कहा कि आचार्य लोकेशजी ने वैश्विक स्तर पर भारत की बहुलतावादी संस्कृति के संदेश को फैलाया है और भारत देश का गौरव बढ़ाया है।
स्वामी अभयदासजी ने कहा कि आचार्य लोकेशजी सदैव ऊर्जा से भरपूर रहकर कार्य करते है, सभी धर्मों में सौहार्द एवं समन्वय को संतुलित करने हेतु उनके प्रयास अनूठे है । अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डॉ लोकेशजी ने सभी महानुभावों का विश्व राजऋषि उपाधि से अलंकृत होने पर प्राप्त शुभकामनाओं के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह समय मानवता को बचाने का है हमें हर एक इंसान के जीवन को सुरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करने हैं तभी राष्ट्रीय एवं अंतरधार्मिक एकता सुरक्षित किया जा सकता है।
इस अवसर पर, भारतवर्षीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष श्री शिखरचंद पहाड़िया, अखिल भारतीय जैन कॉन्फ्रेंस के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष समाजरत्न सुभाष ओसवाल, दिगंबर जैन महासमिति के अध्यक्ष श्री मणिन्द्र जैन, श्री रवि जैन, तरुण मित्र परिषद के अध्यक्ष श्री मनोज जैन सहित उपस्थित सभी महानुभावों ने आचार्य लोकेशजी को षष्ठीपूर्ति वर्ष एवं विश्व राजऋषि उपाधि के लिए ढेरों बधाइयाँ दी। वेबिनार का संचालन नवग्रह तीर्थ कर्नाटक एवं अखिल भारतीय जैन समाज के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया।
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