भीलवाड़ा (पंकज आडवाणी )46 वर्ष पहले आज के ही दिन देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्रा गांधी ने बदलते परिवेश मे स्वयं को सत्ता से अलग होते देख देश पर असविधानिक तरीके से देश को आपात काल मे झोक दिया था। लोकतंत्र रक्षा मंच के प्रांतीय मन्त्री रजनीकांत आचार्य ने बताया कि इस अवसर पर जिले के लोकतंत्र सेनानियों ने काली पट्टी बांधकर आपातकाल की उस घटना की वर्षिका का जमकर विरोध किया। इस दौरान माननीय राष्ट्रपति महोदय , प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री महोदय के नाम अलग अलग तीन ज्ञापन दिये गये।
जिनमें मांग की गयी ऐसी व्यवस्था की जाय कि किसी भी दल की सरकार बने लेकिन आपातकाल नहीं लगाया जा सके। दूसरे ज्ञापन में लिखा कि बंगाल में वर्तमान में आपातकाल से भी बदतर हालात है। वहां विरोधी विचारधारा वालो को चुन चुन कर हत्या की जारही है अतः प्रांत की सरकार को बर्खास्त कर तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू किया जाय। तीसरे ज्ञापन में मांग की गयी कि आपातकाल केंद्र सरकार ने लगाया था। आपातकाल के संघर्ष दूसरी आजादी का संघर्ष था इसके पीड़ितों की दशा दयनीय है, अतः इन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बराबर का दर्जा देकर इन्हें सम्मानित किया जाय। सरकारी रिकॉर्ड अभीतक भी ये अपराधी की श्रेणी में है। ज्ञापन देने वालो में अध्यक्ष शंकलाल सोमाणी,वकील राजेन्द्र सोलंकी, गोविंद नारायण राठी, कैलाशचन्द्र डाड, भंवरलाल कोठारी, श्यामसुंदर गगरानी, मिठूलाल स्वर्णकार, गोपाल तोषनीवाल, गोविंद गग्गड़, डॉ एस के जैन, चांदमल गत्यानी, जगदीश डाड, मंजू देवी डांगा, भगवानराव पाटील, कैलाश सोमाणी मौजूद थे।
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