शाहजहांपुर । खुली आंखों से देखे गये सपने एवं उसपर ईमानदारी से किया गया कार्य प्रगति पथ के सौपान लिखते है। इस कहावत को चरितार्थ किया है नीमराना तहसील के गांव जौनायचाकलां निवासी उद्योगपति संजय शर्मा ने। संजय शर्मा का जन्म 17 नवम्बर 1975 को जौनायचाकलां मे पण्डित भूपेन्द्र शर्मा के घर हुआ। शर्मा के पिता जागीरदार एवं फ्लोर मील के मालिक थे जबकी संजय शर्मा के दादा पण्डित जयराम शर्मा गांव से निकल कुछ बडा करने सन 1930 मे दिल्ली चले गये थे।जहां चादनी चौक मे उन्होंने एफपीएस ( उचित मुल्य की दुकान) एवं वुडन बिट्स का काम प्रारंभ किया। परिवार से मिले संस्कार एवं ईमानदारी के गुण के साथ व्यापार मे भी रुची के कारण संजय शर्मा 1998 मे स्नातकोत्तर करने के बाद ट्रांसपोर्ट व्यवसाय मे कूद पडे।मात्र दो गाड़ियों से नीमराना औद्योगिक क्षेत्र मे ट्रांसपोर्ट व्यवसाय प्रारंभ करने के साथ उनके पास 25 गाडियां होने पर उन्होंने हाईवे ऑटो मॉशन सिस्टम की स्थापना कर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को सुव्यवस्थित किया एवं इसका मुख्यालय हैदराबाद बनाया। नीमराना औद्योगिक क्षेत्र मे इण्टरनेट सेवा की मांग को देखते हुऐ शर्मा ने सन दो हजार मे वी-सेट लगाकर कम्पनीयों को इण्टरनेट से जोडा। 2002 मे एकाएक आये प्रोपर्टी बूमको देखते हुऐ उद्योगपति संजय शर्मा प्रोपर्टी व्यवसाय से जुड गये। इस दौरान अनेकों व्यवसायिक एवं आवासीय परियोजनाओं का निर्माण करवाया। प्रोपर्टी व्यवसाय मे साझेदारों द्वारा की गई धोखाधड़ी के बीच शर्मा नीमराना लौट आये एवं 2007 मे इन्होंने क्षेत्र की पहली अप्रुवल हाऊसिंग कॉलोनी हॉलिडे हॉम का निर्माण कर एसएलआर पॉवर ग्रुप का निर्माण किया। उस समय क्षेत्र मे कृषि भूमि पर अवैध रुप से भूमाफियां अवैध कॉलोनी काट रहे थे जबकी संजय शर्मा अपने सभी आवासीय एवं व्यवसायिक प्लानों को अप्रुड करवाकर भूमाफियाओं के लिये खासा संकट बन गये थे। जब कुछ बडा करने या बडा बडा बनने का जनून हो तो सपने सोने नहीं देते है कुछ ऐसा ही संजय शर्मा के साथ हुआ। 2008 के मध्य शर्मा एनएचएआई के हाईवे स्थित टोल प्लाजाओं से जुड गये। इस दौरान राजस्थान के भीलवाडा, चितौडगढ, उदयपुर सहित देश के अनेकों राज्यों मे उनके पास टोल कलेक्टर की एजेंसी थी।
2011 तक संजय शर्मा टोल एवं प्रोपर्टी के व्यवसाय से जुडे रहे। 2015 तक दिल्ली, गुरुग्राम एवं नीमराना मे अनेकों आवास एवं व्यवसायिक परियोजनाओं को साकार रुप देते हुऐ अपने 17 वर्ष के व्यवसायिक अनुभवों के बीच शर्मा अपने छोटे भाई संजीव गौड के साथ 2014 मे दवा निर्माण व्यवसाय मे आ गये। तब तक प्रोपर्टी मे भी मंदी का दौर आ चुका था। लेकिन कुछ कर गुजरने का जज्बा एवं कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के चलते शर्मा ने किडनी डायलिसिस सॉलुशन निर्माण इकाई प्रारंभ की। जिसका उदघाटन 2015 मे केन्द्र एवं राज्य के मंत्रियों सहित देश के प्रसिद्ध चिकित्सकों ने किया। जिस समय संजय शर्मा ने शाहजहांपुर मे दवा इकाई का निर्माण किया उस समय हिमाचल सरकार ने अपने बद्दी औद्योगिक क्षेत्र मे दवा कम्पनियों को भारी छूट दी हुई थी लेकिन राजस्थान एवं राठ के प्रति समर्पण एवं सेवा भाव के चलते शर्मा ने शाहजहांपुर औद्योगिक क्षेत्र का ही चयन किया। दवा व्यवसाय को ही आगे बढाते हुऐ संजय शर्मा ने 2018 मे सैनेटरी पैड का निर्माण प्रारंभ किया। भारत के चुनिंदा प्लांटों मे से एक अपनी उत्पादन क्षमता के चलते शर्मा वर्तमान मे सम्पूर्ण भारत मे सरकारी एवं निजी स्तर पर सैनेटरी पैड की सप्लाई कर रहे है। इनकी कम्पनी ऑरियण्टल एडूमेड प्मे वर्तमान मे करीब 160 श्रमिक काम करते है। जिनमें से अधिकांश स्थानीय है। इतना ही नहीं वर्तमान मे संजय शर्मा राजस्थान सरकार के चिकित्सा विभाग को कोविड 19 योजना के तहत पीपीई किट उपलब्ध करवा रहे है। जिसका निर्माण उनकी अपनी ही कम्पनी मे किया जा रहा है। जमींदार एवं व्यापारिक घराने से ताल्लुक रखने वाले शर्मा वर्तमान मे तीन कम्पनीयों के मालिक है।
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