अलवर जिले मे रैपिड रेल कॉरिडोर का बहु प्रतीक्षित सपना अब शिघ्र पूरा होने जा रहा है। दिल्ली-मेरठ-गाजियाबाद कॉरिडोर के निर्माण के साथ अब दिल्ली-गुरुग्राम एवं एसएनबी ( शाहजहांपुर, नीमराणा, बहरोड) रैपिड रेल कॉरिडोर का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है।मामले को लेकर राजस्थान एवं हरियाणा सरकार की स्वीकृति के साथ ही कार्य को देख रही नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ( एनसीआरटीसी) ने रुट की डीपीआर तैयार कर केन्द्र को मंजूरी के लिये भेज दी है। योजना को लेकर एसएनबी से गुरुग्राम तक जमीनों की तकनीकी जांच,एलिवेटिड पील्लर पाईल लोड टेस्ट, टोमोग्राफिकल टेस्ट सहित इलेक्ट्रिक यूटिलिटी शिफ्टिंग सहित योजना के निर्माण प्रारंभ से पूर्व की सभी तैयारियों को पूरा करने के प्रयास किये जा रहे है।
106 किलोमीटर मे होंगे 16 स्टेशन…
106 किलोमीटर लम्बे इस कॉरिडोर मे 11 स्टेशन प्रस्तावित है। जिसमे 71 किलोमीटर का सफर एलिवेटिड जबकी 35 किलोमीटर का सफर अण्डरग्राउंड होगा। ये सफर दिल्ली से गुरुग्राम के मध्य होगा जिसमें पांच स्टेशन प्रस्तावित है। बाकी 11 स्टेशन एलिवेटिड 71 किलोमीटर मे प्रस्तावित है। एनसीआरटीसी द्वारा एलिवेटिड ट्रेक के लिये 65 किलोमीटर वहीं अण्डरग्राउंड ट्रेक के लिये सात किलोमीटर मिट्टी की जांच की है। इतना ही नहीं भिवाडी औद्योगिक क्षेत्र ( उद्योग विहार) धारुहेडा एलिवेटिड सेक्शन के लिये 8 लोकेशन पर शुरुआती पाइल लोट टेस्टिंग सहित एयरोसिटी धारुहेडा सेक्शन पर 50 किलोमीटर तक टोमोग्राफिकल टेस्ट भी पूर्ण कर लिया गया है।
एनसीआरटीसी कर रहा है टेंडर प्रक्रिया तेज…
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने बताया योजना के क्रियान्वयन को लेकर सलाहकार की नियुक्ति की जा रही है। शिघ्र टेंडर प्रक्रिया पूरी की जायेगी। टेंडर अवार्ड होने के करीब साढे तीन वर्ष मे परियोजना को पूर्ण किया जायेगा। टेंडर प्रक्रिया एवं उसके अवार्ड तक के समय को निकाला जाये तो माना जा रहा है की 2025-26 के बीच इस ट्रेक पर ट्रेन दौडने लगेगी।
कैसे होगी फंडिग, कितना होगा खर्च…
इस कॉरिडोर योजना मे अनुमानित 24975 करोड रुपये खर्च होने है। जिसमे 20 फीसदी पैसा केन्द्र सरकार जबकी 20 फीसदी राज्य सरकार सहित 60 फीसदी पैसा लॉन से लगाया जायेगा।
ग्लोबल टेंडर मे किसी भी देश की कम्पनी ले सकती है भाग..
प्रोजेक्ट की फंडिग विश्व बैंक से हो रही है। ऐसे मे परियोजना को लेकर ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया मे किसी भी देश की कम्पनी भाग ले सकती है। चुंकि वर्तमान मे चीन से भारत के सम्बंधो का प्रभाव भी टेंडर प्रक्रिया पर देखा जा सकता है अभी जो कयास है उसके तहत पांच कम्पनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन, लाईस एण्ड टर्बो ( एल एण्ड टी), एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लि., येपी मार्केजी इंसाट वी शन्याई एवं ग्यूलरमाक आगिर प्रमुख है।
मैट्रो से तीन गुणा ज्यादा है रैपिल ट्रेन की स्पीड…
एनसीआरटीसी कि माने तो रैपिड ट्रेन की गति मैट्रो से तीन गुणा अधिक होगी। मैट्रो को 90 किलोमीटर प्रतिघण्टा पर डिजाइन किया गया है जबकी उसकी औसतन गति 32 किलोमीटर प्रतिघण्टा है वही रैपिड ट्रेन को 180 किलोमीटर पर डिजाइन किया गया है वही इसकी औसतन गति 100 किलोमीटर प्रतिघण्टा रहेगी। कॉरिडोर के वायाडक्ट और आइडीपीएल कॉम्प्लेक्स, गुरुग्राम से राजीव चौक के बीच एलिवेटेड स्टेशन की डिजाइनिंग का काम डिटेल्ड डिजाइन कंसलटेंट (डीडीसी) द्वारा किया जा रहा है। इस कॉरिडोर पर परिचालन शुरू होने के बाद 107 किमी. की सराय काले खां से एसएनबी की दूरी लगभग 70 मिनट से भी कम समय में तय की जा सकेगी। वर्तमान में सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में 3 से 4 घंटे का वक्त लगता है।
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