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शुक्लावास सहित 5 गाँवों में 505 परिवारों को अवैध खनन व हैवी ब्लास्टिंग से हुए नुकसान का मामला। एडीएम की अध्यक्षता में गठित टीम ने बुधवार को 60 परिवारों का किया सर्वे। - Khabrana.com शुक्लावास सहित 5 गाँवों में 505 परिवारों को अवैध खनन व हैवी ब्लास्टिंग से हुए नुकसान का मामला। एडीएम की अध्यक्षता में गठित टीम ने बुधवार को 60 परिवारों का किया सर्वे।
December 24, 2024

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Khabrana Home » शुक्लावास सहित 5 गाँवों में 505 परिवारों को अवैध खनन व हैवी ब्लास्टिंग से हुए नुकसान का मामला। एडीएम की अध्यक्षता में गठित टीम ने बुधवार को 60 परिवारों का किया सर्वे।

शुक्लावास सहित 5 गाँवों में 505 परिवारों को अवैध खनन व हैवी ब्लास्टिंग से हुए नुकसान का मामला। एडीएम की अध्यक्षता में गठित टीम ने बुधवार को 60 परिवारों का किया सर्वे।

कोटपूतली (बिल्लूराम सैनी)
निकटवर्ती ग्राम शुक्लावास, पवाना अहीर, पिचाणी, दुदावास व बुचारा में हुए अवैध खनन व अवैध हैवी ब्लास्टिंग में 505 परिवारों को हुए नुकसान का जायजा लिये जाने के लिए एनजीटी न्यायालय भोपाल के आदेशानुसार जिला कलेक्टर राजन विशाल के निर्देश पर एडीएम जगदीश आर्य की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों की टीम का गठन किया गया है। उल्लेखनीय है कि नेशनल ग्रीन ट्रीब्युनल (एनजीटी) में खनन ग्रस्त संघर्ष समिति, शुक्लावास द्वारा याचिका संख्या 48/2020 व 75/2020 खनन ग्रस्त संघर्ष समिति बनाम युनियन ऑफ इण्डिया तथा अन्य दायर की गई थी। जिसमें सुनवाई करते हुए विगत 22 फरवरी को ट्रीब्युनल ने नुकसान के आंकलन के लिए सर्वे किये जाने के निर्देश दिये थे। इसको लेकर जिला कलेक्टर के आदेशानुसार टीम का गठन किया गया है।

जिसमें राजस्व विभाग, खनन विभाग, खनन सुरक्षा विभाग, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, केन्द्रिय भूमि जल बोर्ड विभाग, भूजल विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग व जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक जयपुर के प्रतिनिधि आदि कमेटी सदस्य शामिल है। सर्वे टीम के सदस्यों द्वारा ग्राम शुक्लावास समेत प्रभावित क्षेत्रों में बुधवार को नुकसान का आंकलन किये जाने को लेकर सर्वे कार्य जारी रहा। समिति के राधेश्याम शुक्लावास ने बताया कि इस सम्बंध में एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत की गई ग्रामीणों की सूची के अनुसार बुधवार को 60 परिवारों का सर्वे किया गया। वहीं 55 परिवारों का पूर्व में सर्वे कर नुकसान का आंकलन किया जा चुका है। शुक्लावास के बाद अन्य गांवों में सर्वे होगा। सर्वे टीम में खनन विभाग से सर्वेयर चेतन मीणा, पीडब्ल्युडी से एईएन शेरसिंह मीणा, मेट सुरेश चंद, गिरदावर बलवीर सोनी, हल्का पटवारी विनोद यादव आदि मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि एनजीटी के निर्देशानुसार खनन गतिविधियां बंद होने व मुआवजे को लेकर हो रहे सर्वे से ग्रामीण राहत महसुस कर रहे है। पूर्व में भी राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय शुक्लावास को हैवी ब्लास्टिंग से हुए नुकसान के चलते 40 लाख रूपयों का मुआवजा दिये जाने के आदेश पारित हो चुके है। साथ ही ग्रामीणों को बोरिंग (ट्युबवैल) के लिए भी दो-दो लाख रूपयों का मुआवजा देने के आदेश दिये गये है। गुरूवार को सर्वे कार्य के दौरान समिति संयोजक राधेश्याम शुक्लावास समेत पूर्व उपसरपंच हंसराज गुर्जर, ओमप्रकाश यादव, रामस्वरूप जाट, रमेश चन्द यादव, विक्रम पिचानी आदि ग्रामीण मौजूद रहे।

कलेक्टर के समक्ष लगाई थी गुहार :- उल्लेखनीय है कि इस सम्बंध में गठित की गई विभिन्न विभागों की टीम ने पूर्व में उक्त गाँवों का दौरा कर नुकसान का जायजा लेते हुए सर्वे किया था। जिस पर टीम द्वारा सर्वे में लिपापोती किये जाने एवं ठीक तरीके से सर्वे नहीं करने का आरोप लगाते हुए खनन ग्रस्त संघर्ष समिति के संयोजक राधेश्याम शुक्लावास व सरपंच सचिन यादव की अगुवाई में बड़ी संख्या में पीडि़त ग्रामीणों ने जयपुर पहुँचकर जिला कलेक्टर के समक्ष एनजीटी में दायर मामले में अवैध खनन व ब्लास्टिंग से हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाने को लेकर किये जा रहे सर्वे को ठीक तरीके से नहीं करने का आरोप गठित टीम पर लगाते हुए सर्वे को सही तरीके से करवाये जाने की मांग की थी। जिला कलेक्टर ने ग्रामीणों की मांग सुनते हुए उचित कार्यवाही का भरोसा दिया था। जिसको लेकर गठित टीम के 8 विभागीय अधिकारियों का दल ने शुक्लावास पहुंचकर एडीएम जगदीश आर्य की अध्यक्षता में अटल सेवा केन्द्र पर एसडीएम राजवीर यादव, तहसीलदार सूर्यकान्त शर्मा समेत माईनिंग एएमई अमीचंद दुहारिया, सर्वेयर चेतन मीणा, खनन सुरक्षा विभाग अजमेर के निदेशक सुरजीत कटेवा, पीडब्ल्युडी के शेरसिंह मीणा व सुदामा शर्मा, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के विजय कुमार शर्मा, भूजल बोर्ड के मोहित जैन व अनुप सिंह एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी व लीज धारक प्रतिनिधि तथा ग्रामीणों की बैठक का आयोजन हुआ था। जहाँ समिति सदस्यो के साथ हुई बैठक में सर्वे कार्य पुन: शुरू किये जाने का निर्णय लिया गया था। समिति ने मकानों के नुकसान में छत व नींव समेत दरारें आने पर पूरे मकान का सर्वे किये जाने की मांग की थी। जिस पर सहमति जताई गई, वहीं पीडि़तों को उचित मुआवजा दिलवाये जाने को लेकर एनजीटी न्यायालय, भोपाल में दायर किये गये मुकदमें में उन सभी मकानों का सर्वे किये जाने पर भी सहमति जताई गई। जिन्हें लोग अत्यधिक क्षतिग्रस्त होने के कारण छोड़ चुके है। साथ ही जिन मकानों का पुन: निर्माण हो चुका है उनका भी सर्वे करवाये जाने का निर्णय लिया गया। नये सर्वे में सभी मकानों की नजदीकी खनन पट्टे से दुरी भी दिखाई जायेगी।