शाहजहांपुर (केडीसी) राजस्थान के औद्योगिक परिदृश्य पर तेजी से उभर रहे राठ क्षेत्र के लिये ये सुखद सूचना है। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत दिल्ली के सराय काले खां से बहरोड तक रैपिड रेल कॉरिडोर तैयार किया जाना है। योजना के प्रथम चरण के तहत यूपी के मेरठ से दिल्ली तक रैपिड रेल कॉरिडोर का कार्य प्रगति पर है। नेशनल कैपिटल रीजनल ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटी) के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के शहरों को जोड़ने के लिये रीजनल रैपिड रेल कॉरिडोर तैयार किया जाना हैं इसी योजना के तजत सराय काले खां से बहरोड़ तक बनने वाले कॉरिडोर का कार्य शिघ्र प्रारंभ कर दिया जायेगा। दिल्ली से बहरोड तक 106 किलोमीटर के इस कॉरिडोर मे सराय कालेखां से गुरुग्राम, शाहजहांपुर, नीमराना व बहरोड़ तक रेलवे ट्रैक का निर्माण होगा। कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन बनेंगे।इसका 83 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा वही 22 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान में होगा। इस रेल कॉरिडोर का 70.5 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड होगा वही 36 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड होगा। इस प्रोजेक्ट के बन जाने पर दिल्ली का सफर महज 70 मिनट मे पूरा किया जा सकेगा।
इलेक्ट्रिक लाईने होगी शिफ्ट…
रेल कॉरिडोर से जुडे अधिकारियों ने प्रोजेक्ट के बीच बाधा बनने वाली 22 इलेक्ट्रिक हाईटेंशन लाइनों का पता लगाया है। इनमें से 10 को एनसीआरटीसी की ओर से शिफ्ट किया जा चुका है वही बाकी बची 12 लाइनों को भी स्थानीय प्रशासन के सहयोग से पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से शिफ्ट किया जा रहा है। योजना को लेकर हरियाणा, राजस्थान सरकार भी अपनी मंजूरी दे चुकी है।
106 किलोमीटर के रूट पर 16 स्टेशन…
कॉरिडोर के कुल 106 किलोमीटर के रूट पर 16 स्टेशन बनेंगे । ये स्टेशन सराय काले खां, जोरबाग, मुनरिका, एयरो-सिटी, उद्योग विहार, सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेडा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बाबल और एसएनबी होंगे।
अकेले गुरुग्राम मे होंगे 7 स्टेशन…
कॉरिडोर के 7 स्टेशन (उद्योग विहार, सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक) गुरुग्राम में बनाए जाएंगे। इसमें से 2 स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे जबकि शेष 5 स्टेशन एलिवेटेड होंगे। इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद दिल्ली से बहरोड़ तक 106 किलोमीटर का सफर हाई स्पीड ट्रेन से महज 70 मिनट में पूरा होगा। 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से इस ट्रैक पर ट्रेन दौड़ेगी वही स्टेशन पर हर 5 या 10 मिनट में ट्रेन उपलब्ध होगी।
स्वदेशी होंगी ट्रेन….
रैपिड रेल का निर्माण पूर्णतया स्वदेशी होगा। मेक इन इण्डिया के तहत योजना के ट्रेन सैट गुजरात के सावली मे निर्मित किये जायेंगे। सिग्नल, टेलीकॉम, विद्युत सम्बंधित उपकरण का निर्माण भी भारत मे किया जा रहा है। एनसीआरटी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह की माने तो रैपिड रेल कॉरिडोर बनने के बाद सार्वजनिक परिवहन मे योजना की हिस्सेदारी 37 प्रतिशत से बढकर 63 प्रतिशत हो जायेगी वही सडक पर भी प्रतिदिन एक लाख से अधिक निजी वाहनों के घटने की भी उम्मीदे जगाई है। जिसके चलते पर्यावरण मे भी काफी सुधार की सम्भावनाए है।
भिवाडी, घिलोठ, शाहजहांपुर, नीमराना, बहरोड, सोतानाला औद्योगिक क्षेत्र को होगा लाभ….
राजस्थान मे निवेश का चेहरा बने औद्योगिक क्षेत्रों के लिये रैपिड रेल फायदे का सौदा है। इन औद्योगिक क्षेत्रों मे यूपी, बिहार, दिल्ली, झारखंड, हिमाचल सहित अनेकों प्रदेशों के हजारों श्रमिक, इंजीनियर एवं तकनीकी अधिकारी कार्य करते है। ऐसे मे रैपिड रेल के आने से मात्र 70 मिनट मे दिल्ली के सफर को लेकर रैपिड रेल इन औद्योगिक क्षेत्रों के लिये वरदान साबित होगी।
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