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श्रमिकों की मेहनत पगार पर ढाँका मार रहे ठेकेदार व फैक्टरी प्रबन्धकश्रमिकों की मूल भुगतान राशि से ई एस आई, पी एफ कि कटौती करते हैं ठेकेदार8 साल रेगुलर काम कर श्रमिक वर्करो का कम्पनी द्वारा नही जाता ऐग्रीमेन्टअशोका लिलेन्ड कम्पनी के प्रबन्धक अधिकारी व ठेकेदारों कि तानाशाही के चलते करीब 300 श्रमिक परिवारो के लालन पोषण का गहराया संकट। - Khabrana.com श्रमिकों की मेहनत पगार पर ढाँका मार रहे ठेकेदार व फैक्टरी प्रबन्धकश्रमिकों की मूल भुगतान राशि से ई एस आई, पी एफ कि कटौती करते हैं ठेकेदार8 साल रेगुलर काम कर श्रमिक वर्करो का कम्पनी द्वारा नही जाता ऐग्रीमेन्टअशोका लिलेन्ड कम्पनी के प्रबन्धक अधिकारी व ठेकेदारों कि तानाशाही के चलते करीब 300 श्रमिक परिवारो के लालन पोषण का गहराया संकट।
December 26, 2024

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श्रमिकों की मेहनत पगार पर ढाँका मार रहे ठेकेदार व फैक्टरी प्रबन्धकश्रमिकों की मूल भुगतान राशि से ई एस आई, पी एफ कि कटौती करते हैं ठेकेदार8 साल रेगुलर काम कर श्रमिक वर्करो का कम्पनी द्वारा नही जाता ऐग्रीमेन्टअशोका लिलेन्ड कम्पनी के प्रबन्धक अधिकारी व ठेकेदारों कि तानाशाही के चलते करीब 300 श्रमिक परिवारो के लालन पोषण का गहराया संकट।

अलवर (दीक्षित कुमार ) राजस्थान सरकार के 3 श्रमिक मन्त्री बदलने के बाद भी श्रमिकों की कि सुनने वाला कोई नहीं है । साँठ गाँठ से पनप रहे ठेकेदारों की तानाशाही बरकरार श्रमिकों पर भारी पड रही है जो मेहनत करने वाले श्रमिकों कि भुगतान की मूल राशि पर ढाँका मार रहे हैं जिनकी जाँच करने वाले श्रम विभाग के अधिकारी ने अपनी चुप्पी साद रखी है ।

औधोगिक क्षेत्र एम आई ऐ मे स्थित अशोका लिलेन्ड फैक्टरी मे कार्यरत श्रमिक अपनी मूल भुगतान राशि की माँग को लेकर 5 दिन के लिए फैक्टरी गेट के बाहर धरना दे रहे हैं । फैक्टरी मे कार्यरत श्रमिकों ने बताया कि फैक्टरी के पँजीक्रत ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहे हैं जो हमारी मेहनत की तनख्वाह मे से ई एस आई व पी एफ भुगतान की राशि काट रहे हैं हमारी महीने की सैलरी 14000 है जिसमें से ठेकेदार 3400 सौ रुपये अपनी जेब मे रखता है फिर भुगतान करता है जिसका आज तक इन ठेकेदारों के पास कोई रिकार्ड नही ना ही हम श्रमिकों को काटी गई राशि की रसीद देते है ।

कम्पनी मे लगाने से पहले मेहनत की तनख्वाह कुछ बताते है भुगतान कुछ और करते हैं जब कि कैन्टीन मे खाना मुफ्त देने कि कहकर खाने मे दोगला पन किया जाता है कम्पनी के परमानेन्ट श्रमिकों का खाना अच्छा दिया जाता है और ठेकेदार श्रमिकों को घटिया खाना खिलाकर दोगला पन किया जाता है । 8-10 साल से रेगुलर काम करने वाले श्रमिकों का कम्पनी ऐग्रीमेन्ट का लाभ नही देती 6 महिने काम कराकर ठेकेदार श्रमिक बदल देते हैं ।

ठेकेदारों की तानाशाही के चलते श्रमिक प्रथम भुगतान राशि के भुगतान को लेकर कडकती ठंड में गेट के बाहर अपनी माँगो को लेकर धरना दे रहे हैं । श्रमिकों द्वारा कम्पनी प्रबन्धको के साथ हुई वार्ता के दौरान कोई समाधान नही होने पर अपनी माँगो को लेकर अडे हुए हैं ।

फैक्टरी मे पँजीक्रत ठेकेदार योगेश यादव ( लायम ग्रुप ) रमेश सैनी (एस एस पी एस) ओपी शर्मा ( अलवर डिटेक्टिव) इनकी श्रम विभाग जाँच करें तो भ्रष्टाचार की पोल खुल सकती है राजस्थान सरकार कि हाल श्रम विभाग मन्त्री बनी शकुन्तला रावत जी के होने बाद अलवर का श्रम विभाग श्रमिकों न्याय दिला पायेगा या नहीं ।