शाहजहांपुर (केडीसी) बोर्डर पर 11 दिसम्बर से आंदोलनरत किसानों के आगे मोदी सरकार को झुकना पड़ा है। पूर्णिमा के पवित्र दिन एवं गुरु नानक देव की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि बिलो को वापस लेने का ऐलान किया है । मोदी ने सयुक्त किसान मोर्चे से देश की समृद्धि एवं अखण्डता के लिये देश में चल रहे किसान आंदोलन को समाप्त करने की किसान नेताओं से अपील की है । राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि हम देश के किसानों को कृषि कानूनों के बारे में सही तरीके से समझा नहीं पाए, किसानों को लगता है कि कृषि कानून उनके हित में नहीं है ,तो उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मैं आज तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करता हूं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब लोकसभा सत्र के दौरान इन तीनों कृषि कानूनों को वापस ले ले जाएगा । किसान नेताओं से अपील की है कि सभी किसान अपने- अपने घरों को लौट जाएं । अपनी खेती और किसानी संभालें और देश के विकास में योगदान दे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले का तमाम सभी किसान नेताओं, तमाम राजनीतिक पार्टियों ने स्वागत किया है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस और कांग्रेस के नेताओं ने, सपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, समाजवादी पार्टी, बसपा सहित तमाम पार्टियों के नेताओं ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है । साथ ही कहा कि आखिरकार सरकार को किसानों के सामने झुकना पड़ा । इससे साफ है कि भले ही सरकार बहुमत के दम पर कोई भी कानून बना ले लेकिन जनता के विरोध के आगे उसे झुकना ही पड़ेगा। इधर शाहजहांपुर बोर्डर पर विगत 11 महिनो से किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जिला प्रमुख एवं किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष बलबीर छिल्लर ने कहां की बोर्डर पर तीन बजे सयुक्त किसान मोर्चे की बैठक भाकियु के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील के नेतृत्व मे होगी। किसान आंदोलन मे शहीद हुऐ किसानों को श्रद्धाजंलि अर्पित कर अगामी निर्णय लेंगे। इधर बिल वापसी से आमजन ने भी राहत की सांस ली।
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