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जमीनी हक के लिये लडी बेटियां.... बिना हक लिये नहीं होने दिया गया मां का अंतिम संस्कार । प्रशासनिक मध्यस्थता मे बनी सहमति । 24 घण्टे बाद हुआ मृतका का अंतिम संस्कार - Khabrana.com जमीनी हक के लिये लडी बेटियां.... बिना हक लिये नहीं होने दिया गया मां का अंतिम संस्कार । प्रशासनिक मध्यस्थता मे बनी सहमति । 24 घण्टे बाद हुआ मृतका का अंतिम संस्कार
December 24, 2024

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जमीनी हक के लिये लडी बेटियां…. बिना हक लिये नहीं होने दिया गया मां का अंतिम संस्कार । प्रशासनिक मध्यस्थता मे बनी सहमति । 24 घण्टे बाद हुआ मृतका का अंतिम संस्कार

शाहजहांपुर 10 नवम्बर- थाना क्षेत्र के हुलमाणाकलां मे एक महिला की हृदयगति रुकने से हुई मौत के बाद उसकी दो बेटियों ने ज़मीनी हक दिलाने की मांग को लेकर अपनी मां का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। इधर सूचना के बाद शाहजहांपुर थाना प्रभारी विक्रम चौधरी, सहायक अधिकारी हनुमान यादव मय पुलिस जाब्ते के मौके पर पहुंचे वही सूचना पर मुण्डावर तहसीलदार रोहिताश पारीक, कानुगो सुरेश यादव, पटवारी हीरालाल एवं सरपंच प्रतिनिधि एडवोकेट नरेन्द्र धनवाल भी मौके पर पहुंचे । बाद मे पुलिस प्रशासन की मध्यस्थता मे विवादित 18 बीघा जमीन का तीसरा हिस्सा मृतका की बेटी के नाम करवाने पर सहमति बनने के बाद मृतका का 24 घण्टे बाद बेटियों द्वारा अंतिम संस्कार किया गया।ये है मामला….हरियाणा तिगडाना निवासी सुरेन्द्र पुत्र चतर सिंह तंवर हुलमाणाकलां मे अपनी बुआ वेदबाई पत्नी मातादीन चौहान के गोद आये थे। बुआ ने अपनी मृत्यु से पूर्व अपनी 18 बीघा जमीन सुरेन्द्र के नाम वसीयत करदी थी। 5 अक्टूबर 2011 को सुरेन्द्र की मौत के बाद बुआ के परिवार के ही वीरसिंह चौहान वैगरह सुरेन्द्र की वसीयतसुदा जमीन पर काबिज हो गये थे। जिसको लेकर सुरेन्द्र की बेटी दीपीका व देवीका संघर्षरत थी। 9 नवम्बर 2021 मंगलवार को सुरेन्द्र की पत्नी ललिता देवी की हृदयगति रुकने से मौत हो ग‌ई थी। जिसका अंतिम संस्कार बेटियों को ही करना था, लेकिन सुरेन्द्र की दोनों बेटियां अपने हक की जमीन वापस नहीं मिलने तक अंतिम संस्कार नहीं करने पर अडी रही।‌इधर प्रशासन ने मामले मे जमीन पर काबिज वीरसिंह चौहान से भी बात की एवं पूर्व मे हुऐ किसी फैसले को आधार मान वीरसिंह द्वारा 18 बीघा जमीन मे से तीसरा हिस्सा दीपीका व देवीका को देने पर सहमत हो गया। जिसकी लिखित कार्रवाई के आदेश तहसीलदार रोहिताश पारीक ने कानूनगो सुरेश यादव को दिये। सहमति बनने के बाद मृतका का 24 घण्टे बाद उनकी दोनों बेटियों द्वारा अंतिम संस्कार किया गया।