शाहजहांपुर ( धीरेन्द्र गुप्ता ) अगर आप बीमार है और क्षेत्र के सबसे बडे अस्पताल शाहजहांपुर सीएचसी मे उपचार पाना चाहते है तो सम्भलियें। शाहजहांपुर सीएचसी स्वयं बीमार है।कहने को तो सीएचसी मे आठ चिकित्सकों के पद है लेकिन कागजो से अलग सीएचसी मे मात्र चार चिकित्सक ही कार्यरत है।इन चसर चिकित्सकों मे से भी एक चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव होने के कारण अवकाश पर है।
सीएचसी मे वर्तमान मे एक विशेषज्ञ डॉ. विक्रम यादव ( शिशु रोग विशेषज्ञ) डॉ.महेन्द्र चौधरी ( वरिष्ठ चिकित्सक) एवं डॉ.सुदर्शन ही कार्यरत है। डॉ. सरिता यादव कोरोना पॉजिटिव होने के कारण अवकाश पर है। सीएचसी प्रभारी डॉ.गजराज को ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी का प्रभार सौपे जाने के बाद वो क्षेत्र मे रहते है वही सीएचसी मे कार्यरत तीन चिकित्सकों को डेपुटेशन पर अन्य स्थानों पर लगाया गया है। सीएचसी मे कार्यरत एनेस्थेटिक डॉ.राजेश मेहता को अलवर, पैथजॉलिस्ट डॉ.दिप्ती को डीसीसी नीमराना लगाया हुआ है।
अस्पताल मे अरसे से स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं सर्जन का अभाव बना हुआ है। अनेकों बार जिला एवं राज्य स्तरीय बैठकों मे शाहजहांपुर सीएचसी के हाईवे पर स्थित होने के कारण यहां ट्रोमा सेन्टर सहित सर्जन के पद की की मांग उठा चुके है लेकिन सर्जन का पद नहीं होने के कारण सीएचसी मे बनाया गया ऑपरेशन थियेटर शॉ पीस बनकर रह गया है।
एक्सरे मशीन है लेकिन चार साल से रेडियो ग्राफर का पद रिक्त होने के कारण एक्सरा कक्ष अब स्टोर रुम के रुप मे काम आने लगा है।
मापदंड की बात करे तो एक चिकित्सक के साथ तीन नर्सिंग स्टाफ होने आवश्यक है लेकिन सीएचसी मे 5 नर्सिंग कर्मचारी ही कार्यरत है जिनमे से भी दो जेएनएम कोरिना पॉजिटिव है।
पांच साल से नहीं एम्बुलेंस एवं चालक, जो थी बनी कबाड….
सीएचसी मे खडी एम्बुलेंस चालक के अभाव मे कबाड बन गई है। 108 एम्बुलेंस के मिजाज भी ठीक नहीं है। ये अब तक तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी है।
हर्जर हाल इस एम्बुलेंस मे 40 किग्रा क्षमता के दो सिलेंडर रखे है जिनमे एक सिलेंडर खाली वही दूसरे मे थोड़ी बहुत गैस बची हुई है। सीएचसी मे पोर्टेबल डी टाईप पांच सिलेंडर है लेकिन अभी दो ही काम मे आ रहे है।
दानदाताओं द्वारा सीएचसी को तीन ऑक्सीजन कंसट्रेटर उपलब्ध करवाये गये है लेकिन उनमे से एक को नीमराना कोविड सेन्टर मे भेज दिया गया है वही एक शाहजहांपुर सीएचसी मे काम आ रहा है जबकी ऑक्सीजन की इस मारामारी मे भी एक कंसट्रेटर जो की पैक है एंव स्टोर मे रखा हुआ है।
तीस बैंड का अस्पताल लेकिन नहीं भर्ती करते मरीज…
संसाधन के अभाव ने तीस बैंड स्वीकृत सीएचसी को गंभीर बीमार बना दिया है। शुक्रवार को कस्बा निवासी 75 वर्षीय रामेश्वर विजय को उनके परिजन रक्तचाप कम होने एवं अस्थमा अटैक के चलते सीएचसी लेकर पहुंचे लेकिन बिना किसी प्राथमिक उपचार के उन्हें रैफर कर दिया गया। अस्पताल के 12 बैंड नीमराना कोविड सेंटर मे इस्तेमाल हो रहे है ।
सीएचसी इंचार्ज डॉ.महेन्द्र चौधरी ने बताया की अस्पताल मे ऑक्सीजन कंट्रोल सिस्टम के अभाव मे मरीजों को रैफर करना पडता है। अस्पताल मे वर्तमान मे 18 बैंड है जबकी एक भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया है।
इनका कहना है….
सीएचसी मे विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव है। सीएचसी मे अभी एक ही विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. विक्रम यादव ही है बाकी डेपुटेशन के आधार पर अन्यत्र लगाये हुऐ है। हर बैठक मे मांग रखते है लेकिन सुनवाई नहीं होती। चार साल से एम्बुलेंस व चालक भी नहीं है। ओटी है लेकिन सर्जन का पद सृजित नहीं होने के कारण ओटी का कोई महत्व नहीं रह जाता। रेडियो ग्राफर की मांग भेजी हुई है। अल्प संसाधनों मे भी अच्छा करने का प्रयास कर रहे है।
डॉ.महेन्द्र चौधरी
सीएचसी इंचार्ज शाहजहांपुर
सीएचसी शाहजहांपुर मे असुविधाएं है। संसाधनों की पूर्ती के प्रयास किये जा रहे है। मुण्डावर विधायक द्वारा दस लाख की राशी स्वीकृत हुई है। उनसे सीएचसी मे संसाधनों की आपूर्ति की जायेगी रही विशेषज्ञ चिकित्सकों की बात तो मै व्यक्तिगत अनेकों बार उच्चाधिकारीयों को लिख चुका हूं ।
डॉ.गजराज
बीसीएमएचओ शाहजहांपुर
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