अलवर (कमलकांत शर्मा) प्रख्यात भारतीय शास्त्रीय रचनाकार और जेम्बे मेस्त्रो उस्ताद तौफीक कुरैशी का 58 वां जन्मदिन है। इनका जन्म 9 अगस्त 1962, को हुआ था। उनके प्रारंभिक जीवन, कैरियर और पुरस्कारों पर एक संक्षिप्त चर्चा मे आप सादर आमंत्रित है।उस्ताद तौफीक कुरैशी जी एक भारतीय शास्त्रीय संगीतकार हैं। वह एक पर्क्युसिनिस्ट और संगीतकार हैं।
प्रारंभिक जीवन….
मुंबई में जन्मे महान तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के छोटे पुत्र है। कुरैशी। उनके सबसे बड़े भाई तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन हैं। उन्होंने घाट विधान पंडित विक्कू विनायकराम से मार्गदर्शन प्राप्त किया।
कैरियर…
तौफीक कुरेशी ने अपने कैरियर की शुरुआत लाइव प्रदर्शन के साथ की। अपने स्वयं के विश्व प्रसिद्ध संगीत बैंड, ’सूर्या’ के साथ 1986-87 प्रस्तुति देना प्रारंभ किया। उन्हें 2009 में एक प्रतिष्ठित कलाकार के रूप में चित्रित किया गया। ग्रैमी पुरस्कार विजेता एल्बम ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट, रिमेम्बर शक्ति, मास्टर्स ऑफ पर्क्यूशन और समिट फ्यूजन कॉन्सर्ट के लिए विभिन्न शास्त्रीय कलाकारों के साथ उनका सहयोग उन्हें एक समर्पित कलाकार के रुप मे स्थापित करता है। लयबद्ध-प्रोग्रामर, अरेंजर्स-कंपोज़र्स और पर्क्युसिनिस्ट के बाद स्टूडियो रिकॉर्डिंग (फिल्मी बैकग्राउंड स्कोर,टीवी सीरियल्स, ऐड-जिंगल्स, एल्बम, आदि की दुनिया में उन्हे सबसे अधिक पसंद किया जाता है। कुरैशी डिजेम्बे, ढप, बोंगो, बटाजोन जैसे विभिन्न प्रकार के टक्कर वाद्ययंत्र बजाते हैं। वह पहले कलाकार हैं जिन्होंने ज़ेम्बे नामक अफ्रीकी ड्रम पर तबला शब्दांशों को अनुकूलित करने के लिए एक अनूठी लयबद्ध भाषा विकसित की है। तौफीक की ट्रेडमार्क शैली में संस्कृतियों में फैले अद्वितीय लयबद्ध रूपांकनों को बनाने के लिए शरीर और मुखर टक्कर शामिल हैं। हाल ही में तौफीक को संदीप मारवाह द्वारा नोएडा फिल्म सिटी के मारवाह स्टूडियो में एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन के इंटरनेशनल फिल्म एंड टेलीविजन क्लब की जीवन सदस्यता से सम्मानित किया गया है। वह एक दशक से अधिक समय से छात्रों को पढ़ा रहे हैं।
पुरस्कार…
भारतीय रेल जिंगल के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत के लिए काननेस फिल्म उत्सव 2010–11 में स्वर्ण। नाइके जिंगल के लिए मूल संगीत के लिए लंदन इंटरनेशनल अवार्ड्स लांसवेगास नवम्बर 2013 में स्वर्ण सहित अनेकों देशों मे सम्मानित हुऐ।
सच्ची बात, सच के साथ…
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