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कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लिए कोटपूतली प्रशासन ने शुरू की तैयारी...एसडीएम सुनीता मीणा की अध्यक्षता में उपखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित - Khabrana.com कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लिए कोटपूतली प्रशासन ने शुरू की तैयारी...एसडीएम सुनीता मीणा की अध्यक्षता में उपखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित
December 24, 2024

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कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लिए कोटपूतली प्रशासन ने शुरू की तैयारी…एसडीएम सुनीता मीणा की अध्यक्षता में उपखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित

कोटपूतली।(बिल्लूरामसैनी) कोरोना वायरस महामारी में अनाथ हुए बच्चों को सुरक्षा व संरक्षण देने के लिए उपखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स तथा कोविड-19 वर्चुअल सपोर्ट ग्रुप की बैठक एसडीएम सुनीता मीणा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। एसडीएम ने नाबालिग बच्चों की उत्तरजीविता, विकास, सुरक्षा व संरक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि उक्त बच्चों के पुर्नवास एवं विधिक अधिकारों, स्वास्थ्य, समुचित देखरेख, शिक्षा, चल-अचल सम्पत्ति के संरक्षण व उपरोक्त माहौल देने के लिए हम कटिबद्ध है। इसके लिए बचपन बचाओ आन्दोलन व सेव दा चिल्ड्रन जैसी संस्थायें प्रशासन के साथ काम करना चाहते है।

प्रशासन कर रहा ये कार्य- एसडीएम मीणा ने बताया कि नाबालिग बच्चों को चिन्हित कर डेटा बेस बनाने, सामाजिक अन्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने, तात्कालिक दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करवाने इस सम्बंध में सामाजिक व आर्थिक स्थिति, अनाथ होने के कारण, आय के स्त्रोत, शिक्षा स्तर, व्यक्तिगत जानकारी, चल-अचल सम्पत्ति विवरण, विशिष्ठ स्थिति, योजनाओं से जुड़ाव व तात्कालिक देखभालकर्ता की नियुक्ति की जा रही है। अनाथ बच्चों को उपयुक्त वातावरण प्रदान कर स्पेशल क्वारेंटीन किया जा रहा है, बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चों को वर्चुअल रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है। एकल महिलाओं को भी सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित किया जायेगा। किशोरवय बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत संज्ञान लेकर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर प्रत्येक चिकित्सा संस्थान पर इंसीडेंट कमान्डर, महिला (181) व चाईल्ड केयर हैल्प लाईन (1098), किशोर व बालिका गृह एवं बाल अधिकारिता विभाग के दुरभाष नम्बर अंकित जा रहे है। आने वाले दिनों में उपखण्ड स्तर पर कोविड-19 चिल्ड्रन केयर सैन्टर, स्पेशल टास्क फोर्स व अनाथ बच्चों के पोषण पुर्नवास केन्द्र स्थापित किये जायेगें। ऐसे बच्चों को सर्वप्रथम टीकाकरण करवाकर वार्ड, ग्राम एवं उपखण्ड स्तर पर अभिभावक बुथ बनाकर उनकी चल-अचल सम्पत्ति के वैधानिक संरक्षण कार्यवाही से जिला कलेक्टर को अवगत करवाया जायेगा। साथ ही नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाकर विधिक अधिकारों का संरक्षण, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, संरक्षक का मृत्यु प्रमाण पत्र, अनाथ बच्चों के स्वयं के पहचान सम्बंधित दस्तावेज जारी करवाये जायेगें। इसके अलावा अनाथ बच्चों के लिए अनाथ कुंज निर्माण करने वाले भामाशाह को सम्मानित भी किया जायेगा।

निम्न योजनाओं का हो रहा संचालन- राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा अनाथ बच्चों के लिए पालनहार योजना व उत्क र्ष योजना के तहत मासिक सहायता, फोस्टर केयर के तहत वात्सल्य योजना में मासिक सहायता, नि:शुल्क शिक्षण, आश्रय, प्रशिक्षण एवं पुर्नवास की व्यवस्था, सामाजिक परामर्श व भावनात्मक सहयोग, निजी एवं सरकारी शिक्षण संस्थानों में प्राथमिकता से प्रवेश, तकनीकी कौशल प्रशिक्षण व स्वरोजगार हेतु समर्थ योजना एवं सीएम हुनर विकास योजना में आर्थिक सहायता, श्रम एवं महिला व बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं से सीधा जुड़ाव, चिरंजीवी योजना में नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा, स्वास्थ्य सेवा हेतु बाल एवं किशोर स्वास्थ्य योजना कार्यक्रमों व योजनाओं से सीधा जुड़ाव, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न उपलब्धता आदि योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। एसडीएम मीणा ने बताया कि प्रशासन द्वारा राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा जैसी समस्त योजनाओं से अनाथ बच्चों हेतु नि:शुल्क पोर्टल पर पंजीयन करवाया जायेगा। जिसके तहत अनाथ बच्चों का डाटा बेस तैयार कर गोपनीयता को संरक्षित रखते हुए उन्हें आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा गोद लेकर यौन शोषण, बाल श्रम, तस्करी, जबरन भीख मांगना उत्पीडऩ व दुव्र्यवहार से बचाना है। ऐसा कृत्य करना गैर कानूनी व दण्डनीय है। जिसे किसी भी सुरत में बक्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी दिशा-निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जायें। उल्लेखनीय है कि एसडीएम मीणा सजगता व संवेदनशीलता के पावटा के रामपुरा में एक ही परिवार के तीन लोगों की कोरोना से मृत्यु होने पर तुरन्त पहुँचकर सहायता प्रदान की व लगातार मॉनीटरिंग भी कर रही है। एसडीएम अनाथ बच्चों को वात्सल्य एवं संरक्षणात्मक माहौल प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।