झालावाड़ (केडीसी) शहर की पुरातात्विक धरोहरो में शामिल और सिटी फोरलेन पर निकलने वाले राहगीरों को बरबस आकर्षित करने वाली करीब डेढ़ सौ वर्ष पुरानी रियासत कालीन राज परिवार के अश्व की समाधि को देर रात अज्ञात बदमाशों ने नुकसान पहुंचाते हुए क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और पुरातत्व प्रेमी मौके पर पहुंचे और घटना को लेकर खासी नाराजगी जताई।
झालावाड़ से प्रसिद्ध इतिहासकार ललित शर्मा ने बताया कि झालावाड़ रियासत के पूर्व महाराज राणा स्वर्गीय पृथ्वी सिंह द्वितीय ने अपने प्रिय स्वामी भक्त घोड़े की समाधि का निर्माण करीब डेढ़ सौ वर्ष पूर्व करवाया था।
इस स्वामी भक्त घोड़े ने एक बार पृथ्वी सिंह को मुश्किल हालात से बाहर निकाला था, जिसमें अश्व की मौत हो गई थी। जिसके बाद अश्व के मरणोपरांत इसकी समाधि स्थापित की गई, जो झालावाड़ शहर के प्रमुख पुरातात्विक धरोहरों तथा शहर के प्रमुख पहचान स्थलों में शामिल है। कुछ अज्ञात बदमाशों ने अश्व प्रतिमा के कानों को पत्थरों से तोड़ दिया है और पुरातात्विक धरोहर को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया, जिसे लेकर पर्यटन विकास समिति सहित झालावाड़ के नागरिकों में खासा रोष है।
उनकी मांग है कि बदमाशों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाए और पुरातात्विक धरोहर को संरक्षित किया जाए। उधर मामले को लेकर कुछ स्थानीय नागरिकों ने प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने में समीप ही कॉलोनी काट रहे भू माफियाओं का हाथ होना बताया है।
नागरिकों ने बताया कि पीछे काटी जा रही कॉलोनी की राह में यह स्मारक रोड़ा बना हुआ है, ऐसे में अंदेशा है कि यह वारदात भू माफियाओं द्वारा करवाई गई हो।उधर पूरे मामले में जिला कलेक्टर ने क्षतिग्रस्त प्रतिमा की शीघ्र मरम्मत करवाने का आश्वासन दिया है।
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